रायगढ़। रायगढ़ जिला न्यायालय में जिले में जिले के वरिष्ठ अधिवक्ता तथागत श्रीवास्तव की एक अपील पर सत्र न्यायाधीश श्री रजनीश श्रीवास्तव ने न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्री गुलापन यादव के एक आदेश पर तीखी टिप्पणी नही की है। इस मामले को अधिवक्ता ने जबरन बड़ा कर प्रचारित किया गया है। उक्त प्रकरण को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्री गुलापन यादव से न्यायालय से हटाकर दूसरे न्यायालय में अंतरित कर दिये जाने की गलत सूचना दी। साथ ही साथ इस मामले में विद्वान न्यायाधीश वर्ग दो ने विधि सम्मत सुनवाई करते हुए अधिवक्ता तथागत श्रीवास्तव को पर्याप्त समय भी दिया।
अभियोजन ने गलत जानकारी देते हुए ये प्रकाशित करवाया था कि न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्री गुलापन यादव के न्यायालय के एक आप. प्रकरण 558/2019 छ.ग. शासन वि. कुसुम सिदार में पूर्व में आरोप संस्थित किये गए थे उसे 13.04.2022 को अपास्त कर दिया गया था।
जिसके बाद ये बताया कि न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्री गुलापन यादव द्वारा न्यायिक कार्यवाही को अनावश्यक ही लंबित रखा जा रहा था। ये सब न्यायालय के नियमों के प्रति गंभीर टिप्पणी है और आपत्ति योग्य है। ऐसा बताकर समाचार एजेंसी में जारी करवाना अपराध की श्रेणी में आता है।
न्यायालय द्वारा जारी एक निर्देश में बताया गया है कि निचली अदालत में दिए गए फैसले या अन्य आदेश पर जिला सत्र न्यायाधीश तथा अन्य बड़ी अदालत विभिन्न धाराओं के तहत दिशा निर्देश जारी करती है। ऐसे मामलों में समचार पत्रों में अनावश्यक तथ्यों से हटकर समाचार प्रकाशित करवाया जाना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। अगर अदालती कार्रवाई के मामले में लापरवाही पूर्वक खबर प्रकाशित की जाती है तो ऐसे पत्रकारों पर मामला दर्ज करवाया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार इस मामले में खबर प्रकाशित करने वाले न्यूज सर्विस के संपादक और सहयोगी ने प्रकाशित खबर का खंडन करते हुए भविष्य में ऐसी कोई खबर को प्रकाशित नही करने पर भी सहमति दी है।