रायगढ़. सरगुजा और रायगढ़ जिले की सीमा पर स्थित मैनपाट और कापू मार्ग पर कोल माइंस कर्मी की कार में उसका जला हुआ कंकाल मिला। मामला कापू थाना क्षेत्र का है। जलती हुई कार को देखकर स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद मौके पर मैनपाट, रायगढ़ और कापू तीनों थाने के पुलिस पहुंची।
सरगुजा जिले के मैनपाट मेहता प्वाइंट से होकर कापू की ओर जाने वाले मार्ग पर गुरुवार सुबह लोगों ने जलती हुई कार देखी थी। लोग कार सवार को बचाने के लिए पास पहुंचे, तो अंदर उन्हें केवल जलता हुआ एक नरकंकाल दिखाई दिया। मौके पर जब पुलिस पहुंची, उस वक्त कार से धुआं निकल रहा था और नरकंकाल भी जल रहा था। पुलिस टीम ने पानी डालकर आग बुझाई। नरकंकाल कार की डिग्गी से मिला है। कार का ड्राइवर लापता है। पुलिस ने कहा कि शुरुआती जांच में मामला हत्या का लग रहा है। हालांकि पुलिस ने कुछ संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।
पुलिस ने बताया कि मृत व्यक्ति की शिनाख्त पत्थलगांव सुखरापारा निवासी राम कुजूर (50 वर्ष) के रूप में हुई है। वो रायगढ़ एसईसीएल में नौकरी करता था। राम कुजूर की पत्नी परिजनों के साथ मौके पर पहुंची, जहां उसने कंकाल के साथ मिले लोहे की अंगूठी, जींस के बटन और हाथ में पहने जाने वाले कड़े से उसकी पहचान की। पुलिस ने कार और कंकाल को सुरक्षित रख लिया है और शुक्रवार को इसका पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा। इसके बाद उसे परिजनों को सौंपा जाएगा। कापू थाना प्रभारी बीएस पैकरा ने बताया कि वे कंकाल का डीएनए टेस्ट भी करवाएंगे। मृतक का मोबाइल भी कार में ही जल गया है।
पुलिस को स्विफ्ट कार के नंबर प्लेट से नंबर मिला। इसके माध्यम से आरटीओ के पोर्टल से गाड़ी मालिक का पता किया गया। इसके बाद पुलिस को पता चला कि गाड़ी राम कुजूर की है। इस पर उसके परिजनों से संपर्क कर उसके बेटे को फोन किया गया और घटना की जानकारी दी गई। इसके बाद बेटा, भतीजा और पत्नी मौके पर पहुंचे।
मृतक के भतीजे संदीप कुजूर ने बताया कि दो दिन पहले ही उसका चाचा राम कुजूर छुट्टियों में गांव आया था। इसके बाद सरगुजा के सीतापुर से लगे गांव टांगरसूर में उसकी बड़ी सास की मौत हो गई थी, जहां वो अपनी पत्नी के साथ गया। बुधवार को वहां अंतिम संस्कार में शामिल होने के बाद पत्नी को वहीं छोड़ दिया और वहां से विजयनगर चला गया था, जहां वह जमीन खरीदकर खेती करता था। धान बेचने के लिए उसने पहले से टोकन कटवाया हुआ था। राम कुजूर ने विजयनगर में धान को बुधवार शाम को ही ट्रैक्टर में लोड करवाकर रखा। इसके बाद रात में विजयनगर में ही खेती करने वाले लोगों के घर में रुका। सुबह 4 बजे उसका चाचा कार से और ट्रैक्टर को लेकर उसका चालक निकला।
विजयनगर से कुछ दूर पर ही धान खरीदी केन्द्र था, लेकिन इसके बाद भी आखिर उसकी कार विजयनगर से 15 किलोमीटर दूर मैनपाट मार्ग पर कैसे आ गई और उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस इसकी तह तक जाने के लिए जिसके घर में वह रात में रुका था, उनसे पूछताछ कर रही है। वहीं धान लोड वाहन का पता नहीं चल सका है।