रायगढ़। आगामी विधानसभा चुनाव की तिथि बहुत ही नजदीक पहुंच चुकी है। इस लिहाज से जिले के तमाम नेता टिकट पाने की होड़ में शामिल भी हो चुके हैं, और अपने-अपने स्तर में अपनी सक्रियता का परिचय भी दे रहे। परंतु इस बार भाजपा पिछले विधानसभा चुनाव में पांचों सीट गंवाने के बाद किसी भी हाल में इस बार के चुनाव में पुरानी गलतियों को दोहराना मुनासिब नहीं समझेगी और खास कर रायगढ़ विधानसभा चुनाव के पुराने आकड़ो को देखते हुए यहां नए और फ्रेस चेहरे को ही टिकट देना मुनासिब समझेगी, क्योंकि इस विधानसभा से हमेशा ही नया और लोकप्रिय चेहरा ही ऐतिहासिक मतों से चुनाव जीतते आ रहा है।
आगामी विधानसभा चुनाव और फ्रेस चेहरे की अगर बात करें तो रायगढ़ विधानसभा सीट में इस बार सुनील रामदास, गौतम अग्रवाल, उमेश अग्रवाल, गुरूपाल भल्ला के अलावा पूर्व विधायक विजय अग्रवाल टिकट की रेस में हैं। रायगढ़ विधानसभा सीट के पिछले कुछ सालों के नतीजों को देखा जाए तो इस सीट से हमेशा नया और लोकप्रिय चेहरा ही एकतरफा जीत हासिल कर चुनाव जीतते आया है। पूर्व विधायक स्व. रोशन लाल अग्रवाल के निधन के बाद उनके गुट में रहने वाले विकास केडिया भी इस बार टिकट के रेस में हैं जबकि स्व.रोशन लाल के पुत्र गौतम अग्रवाल का नाम भी इस बार टिकट के रेस में शामिल है। इसके बाद नाम आता है उमेश अग्रवाल और गुरूपाल भल्ला का।
राजनीति में लंबे समय से जुड़े लोगों की अगर बात की जाए तो ये चारो नेताओ का नाम सिर्फ शहर तक ही सिमट कर रह जाता है। जबकि ग्रामीण क्षेत्रो में इन्हें पकड़ बनाने में अभी भी लंबा वक्त लगेगा। इन सब को देखते हुए अगर पूर्व विधायक विजय अग्रवाल की बात की जाए तो 2018 के विधानसभा चुनाव में रायगढ़ विधानसभा की एकतरफा जीतती हुई एकमात्र सीट गंवाने का पूरा श्रेय विजय अग्रवाल को ही जाता है। उनके बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने की बदौलत भाजपा को यहां हार का मुह देखना पड़ा और कांग्रेस के युवा चेहरे प्रकाश नायक की एकतरफा जीत हुई। इसको देखते हुए भी अगर भाजपा के वरिष्ठ नेता उन्हें इस बार टिकट दें तो यहां गुटबाजी होने से कतई इंकार नहीं किया जा सकता।
इस लिहाज से रायगढ़ विधानसभा सीट से एकमात्र नाम सुनील रामदास का निकलकर सामने आ रहा। चूंकि ये नाम रायगढ़ ही नही अपितु पूरे प्रदेश में कोई परिचय का मोहताज नहीं। रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र के 48 वार्डो सहित गाँव-गाँव मे बच्चे, बुजुर्गो के अलावा महिलाएं इनके सराहनीय कार्यो से भलीभांति परिचित हैं। रामदास द्रौपदी फाउंडेशन के जरिये आज भी इनके द्वारा शहर से लेकर गांव गाँव तक पहुँच कर सराहनीय कार्य किया जा रहा। इसे देखते हुए भाजपा ही नही बल्कि कांग्रेस पार्टी के नेताओ को लगता है कि इस बार भाजपा से सुनील रामदास रायगढ़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर ऐतिहासिक मतों से चुनाव जीतने वाले हैं और इन्हें रोकना किसी के बस में नही। चूंकि इन्हें भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के अलावा यूथ ब्रिगेड़ का भरपूर सहयोग के अलावा, गांव गांव से भी अभी से समर्थन मिलने लगा है। ऐसे में सुनील रामदास नाम से कांग्रेस खेमे में भी दहशत का मौहोल निर्मित हो चुका है। कुछ दिनों पहले जिले के दौरे में आये भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने भी बगैर किसी का नाम लेते हुए सॉफ कह दिया है कि इस बार पार्टी जिताऊ चेहरे को ही टिकट देगी, इस हिसाब से रायगढ़ विधानसभा सीट से सुनील रामदास का टिकट कंफर्म माना जा रहा है।