रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में बीते 39सालों से मनाये जाने वाला राष्ट्रीय सांस्कृतिक महोत्सव चक्रधर समारोह कल से शुरू हो रहा है। दस दिनों तक चलने वाले इस भव्य समारोह का कल प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के हाथों शुभारंभ होगा। इस आयोजन देश के अलग-अलग राज्यों के कई नामचीन हस्तियां शामिल होंगे। इस आयोजन के लिये जिला प्रशासन ने पूरी तरह से तैयारी कर ली है। रायगढ़ के रामलीला मैदान में विशाल पंडाल में दस दिनों तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा जिसमें बड़े कलाकारों की प्रस्तुतियां होंगी। साथ ही समारोह में स्थानीय लोक कलाकार भी अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।
महराजा चक्रधर सिंह की याद में गणेश चतुर्थी के दिन से रायगढ़ के रामलीला मैदान में दस दिनों तक चलने वाले इस राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सांस्कृतिक महोत्सव में देश की पद्म विभूषण व पद्मश्री पुरूस्कार कलाकारों के साथ-साथ कई राज्यों से आने वाले कलाकार शिरकत कर रहे हैं। इस बार रायगढ़ का प्रसिद्ध चक्रधर समारोह का मंच इस बार देशभर के विभिन्न नृत्य विधाओं को समाहित कर थिरकेगा, वही वाद्य यंत्रों की मधुर संगीत से वातावरण गुंजायमान होगा। साथ ही विभिन्न लोक कला और नृत्य अपने प्रदेशिक संस्कृति की छटा बिखरेती नजर आएगी।
10 दिवसीय कार्यक्रम पर एक नजर
07 सितंबर को पद्मश्री रामलाल का सम्मान, इसके बाद भूपेन्द्र बरेठ व टीम की कथक प्रस्तुती, मनियर भगत एवं एवं साथी जशपुर की करमा लोक नृत्य, तत्पश्चात फिल्मी अभिनेत्री हेमा मालिनी द्वारा राधा रास बिहारी पर आधारित नृत्य नाटिका प्रस्तुत की जाएगी।
08 सितंबर को विजय शर्मा लोक गायन, सुश्री वाणी राव, भोपाल शास्त्रीय गायन, श्रीमती पूर्णाश्री राउत, रायपुर ओडिसी, सुश्री दीपान्निता सरकार, दिल्ली का कथक, रंजना गौहार का ओडिशी नृत्य, सुश्री ए. मंदाकिनी स्वैन, दिल्ली का शास्त्रीय गायन, के पश्चात सौगत गांगुली का सरोद वादन।
09 सितंबर को सुश्री जया दीवान, रायगढ़ कथक, रामप्रसाद सारथी, खरसिया शास्त्रीय गायन, सुश्री धरित्री सिंह चैहान, रायगढ़ कथक, श्री शैंकी सिंह दिल्ली कथक, गजेन्द्र पंडा, सुश्री आर्या नंदे त्रिधारा गु्रप ओडिसी नृत्य, जीतू शंकर एवं गु्रप, मुंबई का तबला संतुर व सितार पर फ्यूजन वादन, इसके बाद चांद अफजल कादरी गु्रप की कव्वाली।
10 सितंबर को श्रीमती अनिता शर्मा, रायगढ़ भजन गायन, सुश्री नीत्या खत्री, रायगढ़ कथक, तपसीर मो. एवं साथी रायपुर अकार्डियन, शिव प्रसाद राव, दिल्ली का शास्त्रीय गायन, राकेश चैरसिया एवं साथी मुंबई का बांसुरी एवं तबला वादन, श्रमती बासंती वैष्णव एवं ज्योतिश्री बोहिदार रायगढ़ का कथक, तत्पश्चात प्रभजन चतुर्वेदी रायपुर का गजल गायन।
11 सितंबर को सुश्री सौम्या नामदेव, रायगढ़ का कथक, सुश्री विधि सेनगुप्ता, रायगढ़ ओडिसी, सुश्री दीपमाला सिंह, रायगढ़ का कथक, सुश्री अनुष्का सोनी का जबलपुर का सितार वादन, सुश्री उपासना भास्कर, धमतरी का कथक समूह नृत्य, इसके पश्चात मुंबई से आई श्रीमती मीनाक्षी शेषाद्रि के पश्चात राकेश शर्मा, श्रीमती निशा शर्मा रायगढ़ का गायन होगा।
12 सितंबर को अंशुल प्रताप सिंह, भोपाल का तबला वादन, सुश्री दीक्षा घोष, रायगढ़ भरतनाट्यम, सुश्री अन्विता विश्वकर्मा, रायपुर कथक, डाॅ आरती सिंह, रायपुर कथक, समूह नृत्य, राहुल शर्मा, रामकुमार मिश्रा, मंुबई के बीच संतुर व तबला पर जुगल बंदी प्रस्तुत की जाएगी, डाॅ जी रथीस बाबू, भिलाई भरत नाट्यम, कुचिपुड़ी के पश्चात इंदिरा कला एवं सगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ के द्वारा विविध छत्तीसगढ़ी लोक नृत्य की प्रस्तुती होगी।
13 सितंबर को हुतेन्द्र ईश्वर शर्मा, रायगढ़ छत्तीसगढ़ नृत्य संगीत, सुश्री शार्वी केशरवानी, सारंगढ़ कथक, सुश्री भद्रा व गायत्री शर्मा दिल्ली का भरत नाट्यम, लकी मोहंती कटक का ओडिशी, सुश्री विद्या प्रदीप, एवं साथी कोच्चि को, मोहिनीअट्टम के पश्चात पद्मश्री डाॅ. भारती बंधु, रायपुर को सुफी एवं कबीर गायन होगा।
14 सितंबर को सुश्री अनंता पाण्डेय, रायगढ़ विविध कला नृत्य, सुश्री शाश्वती बनर्जी, रायगढ़ कथक, सुश्री कृष्ण भद्रा नंबोदरी मुंबई का भरतनाट्यम, विनोद मिश्रा, सतना का शास्त्रीय गायन, डाॅ रघुपत रूणी श्रीकांत गु्रप विशाखापटनम गु्रप का कुच्चीपुडी, सुश्री पौशाली चटर्जी, कोलकाता का मणिपुरी के पश्चात आलोक श्रीवास, दिल्ली का कथक होगा।
15 सितंबर को सुश्री पलक देवांगन, रायगढ़ कथक, पंडित प्रदीप कुमार चैबे रायपुर का शास्त्रीय गायन, सुश्री भूमिसुता मिश्रा, रायपुर ओडिसी, सुश्री वेदिका शरण, बिलासपुर का कथक, सुश्री माया कुलश्रेष्ठ दिल्ली का कथक, पद्मश्री देवयानी का भरत नाट्यम, इसके बाद पद्मश्री अनुज शर्मा एण्ड टीम के द्वारा छत्तीसगढ़ी गायन की प्रस्तुती दी जाएगी।
16 सितंबर को समारोह के अंतिम दिवस मानसी दत्ता एवं साथी, गू्रप गुवाहाटी असम के द्वारा बिहू लोकनृत्य की प्रस्तुती, अनिल कुमार गढ़ेवाल एवं साथी, बिलासपुर गेडी लोक नृत्य की प्रस्तुती के बाद देश के मशहूर कवि डाॅ कुमार विश्वास, सुरेन्द्र शर्मा एण्ड गु्रप के द्वारा कवि सम्मेलन का मंचन किया जाएगा।