रायगढ़। विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर बीते कुछ सालों से कई नेता अपने-अपने स्तर पर तैयारी करते आ रहे थे, ताकि उन्हें अगर पार्टी से टिकट मिले तो वो चुनाव जीतकर विधायक बने, लेकिन उनके सोच के अनुरूप रायगढ़ विधानसभा सीट से भाजपा ने एक ऐसे चेहरे को यहां का प्रत्याशी बना दिया है। जिसे यहां के नेताओ ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था, नतीजन अब यहां से बगावत का सुर बुलंद हो चुके हैं जिसके परिणाम आने वाले चुनाव में भाजपा को हार से चुकाना पड़ सकता है।
यूं तो 2018 के चुनाव में रायगढ़ जिले के पांचों सीट में भाजपा को करारी हार मिली थी, इन 5 सीटों में से एक मात्र रायगढ़ विधानसभा सीट भाजपा आसानी से जीत सकती थी, परंतु भाजपा से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले विजय अग्रवाल की वजह यहां भी भाजपा को हार मिली। इस हार की चर्चा पूरे प्रदेश में हुई। अब 2023 के विधानसभा चुनाव में यही हालत एक बार फिर से निर्मित होने के कगार पर पहुँच चुकी है। चूंकि 2023 के विधानसभा चुनाव को लेकर जिला पंचायत सदस्य गोपिका गुप्ता ने चुनाव लड़ने पूरी तैयारी कर ली है।
गोपिका गुप्ता बीते कई सालों से भारतीय जनता पार्टी से जुड़कर कई पदों में रह चुकी है और उनके द्वारा लगातार शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में जन संपर्क किया जाता रहा है। मगर भाजपा के द्वारा टिकट वितरण के समय उन्हें एवं उनके द्वारा किये जा रहे कार्यो को नज़र अंदाज़ करते हुए खरसिया विधानसभा सीट से चुनाव हारने वाले ओपी चौधरी को रायगढ़ विधानसभा सीट से टिकट दे दिया गया जिससे उन्हें बहुत दुख पहुंचा है और अब गोपिका गुप्ता निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना चुकी है। गोपिका गुप्ता का कहना है कि उनकी नाराजगी पार्टी से नही ओपी चौधरी से है। इसलिए अब वह निर्दलीय चुनाव लड़ने का पूरी तरह से मन बना चुकी है।
पहली बार महिला प्रत्याशी
विधानसभा चुनाव 2023 में पहली बार भाजपा की महिला नेत्री पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने पूरी तैयारी कर चुकी है। शहर के अलावा गांव-गांव में महिला नेत्री गोपिका गुप्ता की अच्छी खासी पकड़ है। शायद यह पहली मर्तबा है जब एक महिला रायगढ़ विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है। श्रीमती गोपिका गुप्ता ने कहा कि समाज मे हमेशा ही महिलाओं को पीछे रखा जाता है, महिलाओं को अपने अधिकार और हक के लिए लड़ाई लड़नी पड़ती है। वे महिलाओं के सम्मान और हक के सदैव आवाज उठाती रहेंगी।
समाज का मिलेगा समर्थन
रायगढ़ विधानसभा सीट में कोलता समाज के वोटरों की संख्या भी किसी भी प्रत्याशी के हार और जीत में अहम मायने रखते हैं। समाज के लोगों के द्वारा एक लंबे समय से इस सीट से कोलता समाज के किसी भी व्यक्ति को टिकट दिए जाने की मांग करते आ रहे हैं, मगर हर बार उनकी इस मांग को अनसुना किया जाता रहा है। ऐसे में अगर गोपिका गुप्ता निर्दलीय चुनाव लड़ती हैं तो उन्हें पूरे समाज का समर्थन मिलेगा ही। साथ ही साथ आमजन में उनकी सक्रियता का फल भी उन्हें मिलना तय माना जा रहा है।
पार्टी में अंदरूनी गुटबाजी का भी कांग्रेस को मिल सकता है फायदा
2023 के विधानसभा चुनाव को लेकर रायगढ़ विधानसभा सीट से आधे दर्जन से भी अधिक भाजपा नेताओं ने बीते कुछ सालों के दरम्यान शहर से लेकर गांव-गांव का दौरा कर अपनी तैयारी पूरी कर चुके थे, ताकि पार्टी से उन्हें टिकट मिलते ही वे दोबारा जनता के बीच पहुंच कर उनका समर्थन जुटा सके। परंतु पार्टी ने रायगढ़ विधानसभा सीट से खरसिया विधानसभा के नेता ओपी चौधरी को प्रत्याशी बना दिया। अगर इस चुनाव में किसी तरह ओपी चौधरी चुनाव जीत जाते हैं तो इस सीट से चुनाव लड़ने का सपना देखने वाले स्थानीय नेताओ को फिर से 10 से 15 साल का इंतजार करना पड़ सकता है, जिसे वे कतई बर्दाश्त नही कर सकते और ओपी को हराने पूरी कोशिश लगा देंगे ऐसी चर्चा अभी से होने लगी हैं।