Home आपकी बात Raigarh News आदिवासी समाज के आंदोलन को बताया ‘नौटंकी’, अधिकारी को सस्पेंड करने की मांग

Raigarh News आदिवासी समाज के आंदोलन को बताया ‘नौटंकी’, अधिकारी को सस्पेंड करने की मांग

by Naresh Sharma

रामकृष्ण पाठक की रिपोर्ट


रायगढ । सर्व आदिवासी समाज द्वारा विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को छाल क्षेत्र के सरकारी दफ्तरों का घेराव किया गया। इस दौरान पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जिन मांगों को लेकर आंदोलन की चेतावनी दी गई थी उसमें से हटकर स्थानीय थाना प्रभारी की कार्यशैली को लेकर जमकर विरोध किया।
प्रदर्शन के दौरान एक स्थानीय जन प्रतिनिधि ने पुलिस अधिकारी को आड़े हाथों लेते हुए उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने सार्वजनिक तौर पर कहा कि स्थानीय पुलिस अधिकारी की मनमानी पूर्ण कार्यशैली से स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है। उन्होंने हाथी के मद्देनजर कहा कि ग्रामीणों को जानमाल का नुकसान हो रहा है जिसे लेकर यह प्रदर्शन किया जा रहा है। लेकिन थाना प्रभारी हमारी इस कवायद को नौटंकी बता रहे हैं। वक्ता ने कहा कि ऐसे थाना प्रभारी को तत्काल प्रभाव से हटाया या निलंबित किया जाना चाहिए।
दरअसल ग्रामीणों का यह प्रदर्शन कई मांगो पर आधारित था। जिसमें हाथियों से होने वाले सभी तरह की क्षति की समस्या भी शामिल है। वक्ता ने कहा कि स्थानीय पुलिस अधिकारी ने ग्रामीणों के आंदोलन को कथित तौर पर नौटंकी बता दिया। इस बात को लेकर वहां मौजूद प्रदर्शनकारियों ने इस बात पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए एक वक्ता ने छाल थाना के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को तत्काल सस्पेंड करने की बात कही।
इस मामले में पुलिस अधिकारी पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाने वाले वक्ता शौकी लाल नेताम, जो सर्व आदिवासी समाज के सलाहकार हैं, ने फोन पर बताया कि आंदोलन से ठीक पहले छाल थाना के थाना प्रभारी ने बातचीत के लिए उन्हें अपने ऑफिस पर बुलाया। जिस पर शौकी लाल और उनके साथी थाने पहुंचे। बातचीत के दौरान पुलिस अधिकारी ने उनसे दुर्व्यवहार करते हुए इस आंदोलन को नौटंकी कहा। शौकी लाल नेताम के मुताबिक मीटिंग में अधिकारी ने इस प्रदर्शन को पॉलिटिकल स्टंट बताया। इस पूरे मामले को लेकर सर्व आदिवासी समाज में रोष व्याप्त है।

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