Home आपकी बात खुले आसमान के नीचे करोड़ों का धान होने लगा अंकुरित

खुले आसमान के नीचे करोड़ों का धान होने लगा अंकुरित

by Naresh Sharma

बलरामपुर। रामानुजगंज धान खरीदी के समय जिस प्रकार से प्रशासन ने सक्रियता दिखाई वहीं धान खरीदी के बाद उठाव में बड़ी लापरवाही के कारण महावीरगंज समिति के नए बने धान उपार्जन केंद्र विजयनगर में अभी भी 8500 बोरा धान जिसकी कीमत 1 करोड़ 54 लाख रुपए है खुले आसमान के नीचे है 4 महीने से लगातार धान के खुले आसमान के नीचे रहने का धान अब अंकुरित होने लगे हैं जिसका खामियाजा समिति को उठाना पड़ेगा। वही सूखती जाने प्रत्येक बोरा 2 से 5 किलो की सूखती गया। लंबे समय तक खुले आसमान के नीचे लाखों क्विंटल धान के रहने से करीब करीब सभी समितियां में सूखती जा रही है जिसे समितियां चिंतित है।


गौरतलब है कि 1 नवंबर से छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा धान खरीदी शुरू हुई वहीं 31 जनवरी तक धान खरीदी होना था परंतु शासन के द्वारा इसे बढ़ाकर 4 फरवरी तक किया गया। महावीरगंज समिति में 28 जनवरी तक धान का उठाव हुआ उसके बाद 63147 बोरी धान खुले आसमान के नीचे 5 मई तक रहा लंबे समय तक खुले आसमान के नीचे रहने कारण करीब करीब सभी बोरा में सूखती गया। इन तीन महीने से अधिक समय में कई बार बारिश हुई आंधी तूफान चला तेज धूप हुआ जिसका असर धान पर पड़ा धान के लिए बचाव के लिए तमाम तरीके समिति के लिए नाकाफी साबित हुए।
सभी समितियां के द्वारा जिला विपणन अधिकारी बफर लिमिट के बाद 72 घंटे में धान उठाव का अनुबंध होता है परंतु इसका भी पालन डीएमओ के द्वारा किसी भी समिति में नहीं किया गया। जिले 49 धान खरीदी केंद्रों के माध्यम से धान की खरीदी हुई थी।


विजयनगर धान खरीदी केंद्र से महज 1 किलोमीटर से भी कम दूरी में संग्रहण केंद्र 4 वर्ष पूर्व बनाया गया था जहां पर्याप्त व्यवस्थाएं थी यहां पर धान को सुरक्षित तरीके से रखा जा सकता था परंतु यहां संग्रहण नहीं किया गया एवं विजयनगर धान खरीदी केंद्र में ही छोड़ दिया गया।

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