Home आपकी बात अंतिम उपायः मशाल जलाकर, जान जोखिम में डालकर ट्रैक्टर में बैठकर हाथियों को भगाया, गांव की गलियों में घुम रहे गजराज

अंतिम उपायः मशाल जलाकर, जान जोखिम में डालकर ट्रैक्टर में बैठकर हाथियों को भगाया, गांव की गलियों में घुम रहे गजराज

by Naresh Sharma

रायगढ़। रायगढ़ जिले में बीती रात हाथियों का एक बड़ा दल गांव के करीब पहुंच गया। जिसके बाद गांव के ग्रामीण एकजुट होकर मशाल जलाकर, फटाखे फोड़कर एवं ट्रैक्टर से बैठकर हो हल्ला कर हाथियों को भगाने का एक वीडियो सामने आया है। गांव के करीब हाथियों के दल पहुंचने के बाद रात भर गांव के ग्रामीण रतजगा करने पर विवश हो गए।
रायगढ़ वन मंडल के बिलासखार, डेहरीडीहि एवं पाकादरहा गांव के करीब बीती रात तकरीबन 35 हाथियों का दल अचानक पहुंच गया। जिसके बाद गांव में अफरा-तफरी की स्थिति निर्मित हो गई। हाथियों से अपनी बेशकीमती फसल के अलावा अपने मकानों को बचाने गांव के ग्रामीण इकजुटे हुए और फिर कुछ ग्रामीण जहां हाथों में मशाल जलाकर एवं पटाखे फोड़कर हाथी को भगाने का प्रयास किया तो वहीं कुछ ग्रामीण ट्रैक्टर से ही हो हल्ला करते हुए हाथियों के दल को दौडाया शुरू कर दिया।

साल भर रहती है हाथियों की मौजूदगी
यूं तो रायगढ़ जिले के घने जंगलों में एक लंबे अर्से से जंगली हाथियों ने डेरा डाला हुआ है। यहां के जंगलों में भोजन और पानी की पर्याप्त मात्रा होनें से रायगढ़ वन मंडल के अलावा धरमजयगढ़ वन मंडल के अलग-अलग गांवों में साल भर हाथियों की मौजूदगी रहती है। हालांकि बीच-बीच में हाथियों के दल की संख्या में कमी और बढोतरी होते रहती है।

रतजगा करने पर विवश ग्रामीण
रायगढ़ जिले में विचरण करने वाले हाथी रोजाना जंगलों से निकलकर रिहायशी इलाकों में पहुंचकर ग्रामीणों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे है। साथ ही साथ कई बार ऐसा भी होता है कि हाथियों के दल के सड़क पर आ जाने के दौरान कई घंटों तक सड़क में अघोषित जाम की स्थिति निर्मित हो जाती है। बताया जाता है कि धरमजयगढ़ वन मंडल में कई गांव ऐसे भी है जहां के ग्रामीण अपनी फसलों को बचाने रतजगा करने पर आज भी विवश हैं।

रातभर आवागमन रहा बंद
गांव के ग्रामीणों ने बताया कि रात के समय हाथियों का बड़ा दल उनके गांव के करीब पहुंच गया था जिसके बाद देर रात भेंगारी से बिलासखार रोड पर आवागमन पूरी तरह बंद कर दिया था। साथ ही उन्होंने इस मामले की जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को दी। जिसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर हाथियों की गतिविधियों पर नजर बनाये हुए है। साथ ही साथ ग्रामीणों को हाथियों से दूरी रहने की हिदायत भी दी गई है।

दो ग्रामीणों को हाथी ने किया घायल
बताया जा रहा है कि रायगढ़ वन मंडल के घरघोड़ा रेंज में कल शाम बटुराकछार के जंगल लकड़ी लेने गए घसिया राम 42 साल निवासी बटुराकछार का जंगल में एक हाथी से सामना हो गया जिसके बाद हाथी ने उस पर हमला कर घायल कर दिया। घायल ग्रामीण को उपचार हेतु धरमजयगढ़ अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं इसी हाथी ने मछली पकड़कर घर लौट रहे भगतराम उरांव 45 निवासी कमतरा को भी घायल कर दिया। परिजनों के द्वारा घायल को रायगढ़ मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसका उपचार जारी है।

चार लोगों की जान ले चुका है ये हाथी
मिली जानकारी के मुताबिक दोनों ग्रामीणों को घायल करने वाला यह हाथी पिछले दिनों जशपुर जिले में एक ही दिन में एक ही परिवार के चार लोगों को मौत के घाट उतार चुका है। वन विभाग के द्वारा इस हाथी की पहचान बन्डा हाथी के रूप में की गई थी। पिछले लंबे समय से यह हाथी अकेले ही जंगल में विचरण कर रहा है। विभाग के द्वारा लगातार गांव में अलर्ट जारी करके लोगों को जंगल की तरफ नही जाने की हिदायत भी दी जा रही है।

कुपाकानी बिरसिंघा जंगल में भी 32 हाथी
बुधवार की शाम 5 बजे के आसपास लैलूंगा रेंज के अंतर्गत आने वाले कुपाकानी बिरसिंघा जंगल से निकलकर 32 हाथियों का दल एक ग्रामीण के खेतों में पहुंच गया। अचानक हाथियांे के बस्ती के करीब पहुंचने से गांव के ग्रामीणों में जहां दहशत का माहौल निर्मित हो गया, वहीं मौके पर लोगों की भारी भीड भी जुट गई थी।

क्या कहती हैं रेंजर
इस संबंध में घरघोड़ा रेंज की रेंजर ज्योति गुप्ता ने बताया कि उनके क्षेत्र में 48 हाथी दो दलों में विचरण कर रहे हैं जिसमें एक दल में 34 हाथी छर्राटांगर में तो दूसरा दल में 14 हाथी जो कि अमलीडीह के जंगल में विचरण कर रहे हैं। हाथी के हमले से दो ग्रामीण घायल हुए हैं उन्हें आर्थिक सहायता दे दी गई है और वन विभाग की टीम हाथियों के मूवमेंट पर नजर बनाये हुए है।

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