Jabalpur News : जबलपुर, मैं इंडिया नहीं आ पा रही हूं। तुम्हारे लिए गिफ्ट भेजा है, कुछ कीमती उपहार व डालर हैं, उन्हें रिसीव कर लेना…। कथित विदेशी युवती के इस संदेश के बाद अधारताल निवासी युवक विदेश से आने वाले कीमती उपहार व डालर की प्रतीक्षा करने लगा। विदेशी युवती से युवक की दोस्ती इंटरनेट मीडिया पर हुई थी। जिसके बाद दोनों में चैटिंग का सिलसिला शुरू हुआ। युवक ने शादी प्रस्ताव रखा जिसे कथित विदेशी युवती ने स्वीकार कर लिया। युवक शादी के सपने देखने लगा और कथित प्रेमिका की असलियत का पता तब चला जब वह हजारों रुपये से हाथ धो बैठा। कस्टम, ईडी, क्राइम ब्रांंच के नाम पर साइबर अपराधियों ने उसके साथ ठगी की। ठगी का पता चलने के बाद युवक ने स्टेट साइबर सेल में घटना की शिकायत की। युवक ने बताया कि एक अनजान युवती से दोस्ती भारी पड़ी। वह साइबर ठगी के गिरोह की सदस्य निकली। यह गिरोह योजनाबद्ध तरीके से लोगों को अपने जाल में फंसा रहा है।
यह है मामला-
अधारताल निवासी एक युवक के फेसबुक पर कुछ माह पूर्व फ्रेंड रिक्वेस्ट आई। डीपी में खूबसूरत विदेशी युवती की फोटो देखकर युवक ने रिक्वेस्ट स्वीकार कर ली। जिसके बाद दोनों में फेसबुक मैसेंजर पर चैटिंग होने लगी। फिर मोबाइल नंबर का आदान प्रदान हुआ और व्हाट्सएप पर चैटिंग का सिलसिला शुरू हुआ। इस बीच युवती ने युवक से शादी करने की इच्छा जाहिर की। युवक तैयार हो गया। फिर दोनों में वीडियो काल पर बात होने लगी। वीडियो काल के दौरान युवती अपना चेहरा नहीं दिखाती थी। युवक से वह कहती कि इंडिया आने के बाद वह अपना चेहरा दिखाएगी। कुछ दिन चली बातचीत व चैटिंग के दौरान युवती ने युवक को बताया कि उसने उसके लिए विदेश से कीमती उपहार व नकदी (डालर) भेजी है। जिसे इंटरनेशनल एयरपोर्ट से रिसीव करना होगा। यहीं से युवक के साथ साइबर ठगी की शुरुआत हुई। कभी एयरपोर्ट अथारिटी, कभी कस्टम विभाग तो कभी क्राइम ब्रांच व ईडी अधिकारी बनकर युवक से ठगी की जाने लगी।
कीमती उपहार के लिए कस्टम ड्यूटी मांगी-
युवक ने बताया कि युवती से हुई चर्चा के बाद वह कीमती उपहार व डालर मिलने की प्रतीक्षा करने लगा। कुछ दिन बाद एक अन्य अज्ञात मोबाइल नंबर से फोन आया। उसने स्वयं को कस्टम विभाग का अधिकारी बताया। उसने जानकारी दी की विदेश से कीमती उपहार भेजे गए हैं। कस्टम ड्यूटी चुकार उपहार प्राप्त किया जा सकता है। मोबाइल पर चर्चा करने वाले ने भारतीय मुद्रा में उपहार की कीमत 55 लाख रुपये बताई। उपहार मिलने की खुशी में कस्टम ड्यूटी के नाम पर उसने 65 हजार रुपये जमा कर दिए।
डालर को रुपये में कंवर्ट करना है-
स्टेट साइबर सेल जबपलपुर इकाई पहुंचे युवक ने बताया कि जिसे विदेशी युवती समझकर वह चैटिंग करता रहा, वह साइबर ठग निकली। युवती ने बताया था कि उसने डालर भेजे हैं। अगले दिन दूसरे साइबर ठग ने फोन किया। उसने बताया कि वह इंटरनेशनल एयरपोर्ट से बोल रहा है। लाखों के डालर को भारतीय मुद्रा यानि रुपये में कंवर्ट करना है, जिसकी फीस लगेगी। युवक ने 13 हजार रुपये भेज दिए।
डालर पकड़ाया है, मनी लांड्रिंग का केस बनता है-
डालर को रुपये में बदलने के लिए युवक ने 13 हजार रुपये क्या भेजे उसके साथ साइबर ठगी का सिलसिला शुरू हो गया। एक दिन बाद युवक के पास फोन आया। स्वयं को ईडी का अधिकारी बोलकर बताया कि उसके नाम व पते पर भेजा गया डालर एयरपोर्ट पर जब्त किया गया है। मनी लांड्रिंग के केस में कार्रवाई की जा रही है। ईडी की कार्रवाई से बचने के लिए युवक ने साइबर ठग को 50 हजार रुपये दिए।
क्राइम ब्रांच दिल्ली से बोल रहा हूूं-
युवक के साथ ठगी का सिलसिल यहीं खत्म नहीं हुआ। साइबर अपराधियों द्वारा बिछाए गए कस्टम, ईडी आदि के जाल से बचने के बाद उसे क्राइम ब्रांच की धमकी मिली। अज्ञात मोबाइल नंबर से उसके पास फोन आया। स्वयं को दिल्ली में क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर युवक से कहा कि उसने विदेश से फर्जी तरीके से कीमती उपहार व डालर मंगाए हैंं, उसके खिलाफ जांच की जा रही है। हालांकि युवक ने इस साइबर अपराधी को पैसे नहीं भेजे। उससे पहले शिकायत करने साइबर सेल पहुंच गया।
इनका कहना है-
इंटरनेट मीडिया पर अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने से बचना चाहिए। इस तरह की गलती कर लोग तरह-तरह के साइबर अपराध का शिकार हो रहे हैं। विदेश से डालर व महंगे उपहार भेजने के नाम पर साइबर ठगी की शिकायतों की जांच की जा रही है।