Indore Crime News: इंदौर, करोड़ों रुपयों की ठगी करने वाला गिरोह गरीब-मजबूर लोगों का इस्तेमाल कर रहा है। दो-तीन हजार रुपये में बैंक खाते खरीदकर उनमें रुपये जमा करवा लेता है। यह खुलासा फर्जी कंपनियों की जांच में हुआ है। गिरोह का मास्टर माइंड विदेश में बैठा है।
डीसीपी (अपराध) निमिष अग्रवाल के मुताबिक, पुलिस ने हाल में ही ग्रीन एनर्जी घोटाले में आरोपित नयन, मिलन और प्रशांत पोलरा को पकड़ा तो पता चला कि वे मात्र मोहरे हैं। मास्टर माइंड तो हर्षित पोलरा है जो इंडोनेशिया में बैठा है। रातोंरात करोड़ों का घोटाला करने वाले हर्षित ने एक चेन बना ली थी। उनके माध्यम से करीब डेढ़ सौ खाते खरीदे और उनमें रुपये जमा करवाए। पुलिस ने खाताधारकों से बात की तो बताया कि उन्हें तो दो-तीन हजार रुपये देकर दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए थे। इसके बाद उनके नाम से कंपनी रजिस्टर्ड करवा ली गई।
गैंग के सदस्यों को पकड़ा तो हुआ खुलासा
क्राइम ब्रांच ने कुछ दिनों पूर्व आगरा की हेलो गैंग के सदस्य हिमांशु और दुर्गेश गिरि को पकड़ा तो पता चला कि आरोपित आगरा व नोयडा से उन लोगों के बैंक खाते खरीद लेते थे, जो रोजगार की तलाश में अन्य शहरों से आए थे। इस गिरोह ने ज्यादातर खाते दुकानदार और मजदूर वर्ग के लोगों से खरीदे थे।
इंदौर में भी गैंग सक्रिय
आनलाइन धोखाधड़ी की जांच में खुलासा हुआ कि ठेके पर खाते मुहैया करवाने वाला गैंग शहर में भी सक्रिय हो गया है। साइबर क्राइम को पता चला कि एरोड्रम क्षेत्र में सक्रिय बदमाश शाजापुर जिले से खाते खरीदकर गिरोह के मुखिया तक पहुंचा रहा है।
झोपड़ी में रहता था आरोपित
क्राइम ब्रांच ने स्वास्तिक हर्बल, श्री आरोग्य, संस्थान आदि की फ्रेंचाइजी देने का झांसा देकर ठगी करने वाले गणेश गौर को गिरफ्तार किया है। आरोपित के खिलाफ अंकित कुमार (भागलपुर) ने 50 लाख, दिनेश कुमार(करौली) ने डेढ़ लाख रुपये ठगने की शिकायत की थी। डीसीपी के मुताबिक, गणेश भी फर्जी खातों में रुपये जमा करवाता था। ट्रांजेक्शन देख खाता संचालक को पकड़ा तो अफसर दंग रह गए। उसकी आर्थिक स्थिति खराब थी और वह एक झोपड़ी में रहता था।
राजस्थान और उप्र बना फर्जी खातों का गढ़
जांच में खुलासा हुआ कि फर्जी खातों की खरीद-फरोख्त विजय नगर, भीलवाड़ा (राजस्थान) और आगरा (उप्र) में होती है। मास्टरमाइंड दलालों के माध्यम से खाते किराए पर लेते हैं। रुपये जमा करवाने के बाद उन्हें बंद करवा देते हैं।