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एक पेपर बिगड़ने के स्ट्रेस से खराब न करें बाकी के एग्जाम, इन 8 टिप्स से हैंडल करें सिचुएशन

by Naresh Sharma

बोर्ड परीक्षाओं का दौर शुरू हो चुका है। ज्यादातर बोर्ड्स की परीक्षाएं शुरू हो चुकी है और कुछ की होने वाली है। ऐसे में कई बार देखा गया है कि स्टूडेंट्स का कोई एक या दो पेपर खराब हो जाता है तो वह उसका स्ट्रेस ले लेते हैं। इससे उनका पढ़ाई से मन हट जाता है। इसका असर उनके आने बाकी के बचे एग्जाम्स पर भी पड़ता है। परीक्षा के दौरान अगर आपके साथ भी ऐसा हुआ है, तो हमने यहां आपके लिए कुछ टिप्स बताए हैं, जिनसे आपका स्ट्रेस कम होने में मदद मिल सकती है।

1-अपने पसंदीदा व्यक्ति से हो बातचीत
हर बच्चे की जिंदगी में कोई न कोई ऐसा जरूर होता है, जिसे वो बहुत इंपॉर्टेंस देता है। ऐसे समय में उस खास व्यक्ति की मदद लें। उसके माध्यम से कही गई बात बच्चे को जल्दी और अच्छे से समझ आएगी। बच्चे को बताएं कि एक पेपर या एक बोर्ड एग्जाम जिंदगी का अंत नहीं है। अभी खुद को साबित करने के बहुत मौके मिलेंगे। पढ़ाई के अलावा भी बहुत सी फील्ड्स हैं जहां वो खुद को साबित कर सकता है।
2-प्रॉब्लम को समझें
खामियां निकालने की बजाय ये जानने की कोशिश करें कि कमी कहां रह गई ? क्या ध्यान फोन या सोशल मीडिया की वजह से भटक गया था ? क्या किसी दोस्त की वजप से आप पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पा रहें थे ? जानें कि वो क्या चीज थी, जिससे आप की परफोमेंस खराब हुई और फिर उस गलती को सुधारने की दिशा में काम करें।
3- घाटे का सौदा न बनाएं
बच्चे और पैरेंट्स दोनों के लिए ये समझना जरूरी है कि बोर्ड एग्जाम का तनाव, या एक पेपर खराब होने का तनाव आपको बहुत सारे क्षेत्रों में नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए पेपर की टेंशन लेकर अपनी हेल्थ से लेकर बाकी पेपर खराब करके इसे और घाटे का सौदा न बनाएं।
4-पेरेंट्स डांट-डपट न करें
एक पेपर के खराब हो जाने पर माता- पिता बच्चों को डांटते फटकारते है और उन्हें समझाने की बजाय उनपर पर आगे के पेपर के लिए दबाव डालने लगते है। हालांकि, यहां पेरेंट्स को बच्चों को समझाना चाहिए। ऐसे समय में माता-पिता को बच्चे के साथ एकदम सहज होना चाहिए और उसका साथ देना चाहिए।
6-हिम्मत न हारें
एक सब्जेक्ट का पेपर अच्छा न जाने का मतलब ये बिल्कुल नहीं कि अब सारी उम्मीदें खत्म हो गईं हैं। आप बाकी के एग्जाम में अच्छा परफोर्मेंस कर सकते है। खुद को असफल मान लेने की बजाए खुद को ज्यादा मेहनत करने के लिए प्रेरित करें।
7-थोड़ा धीरज रखें
जब तक आपका रिजल्ट नहीं आ जाता तब तक कोई कदम न उठाए, करियर बदलने का या कुछ भी और अच्छा रिजल्ट आने की उम्मीद रखें।
8- खुद को करें मोटिवेट
ये तो हम सभी जानते हैं कि जो हो गया उसे बदला नहीं जा सकता, इसलिए खुद से कहें कि आप क्या चुनना पसंद करेंगे पुरानी बातों पर रोना या नये की तैयारी करना? बिगड़े पेपर को तनाव का विषय भी बनाया जा सकता है और मोटिवेशन का। इसलिए इसे अपने आगे के सफर के लिए मोटिवेशन बनाएं।

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