रायगढ़। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल शुक्ला ने मेडिकल एसोसिएशन सारंगढ़ से प्राप्त प्रेस विज्ञप्ति को मीडिया में जारी करते हुए बताया कि कतिपय ऐसे भाजपा कार्यकर्ता जो आए दिन रायगढ़ लोकसभा कांग्रेस प्रत्याशी डॉ मेनका देवी सिंह के लिए घटिया व स्तरहीन भाषा का प्रयोग कर अपने सांस्कारिक अवगुणों का सार्वजनिक प्रदर्शन कर रहे हैं हम उनकी कड़े शब्दों में निंदा करते है।
अनिल शुक्ला ने मीडिया में मेडिकल एसोसिएशन द्वारा दी गई विज्ञप्ति जारी कर कहा चिकित्सा पेशे से जुड़ी डॉ मेनका जी के सामाजिक पहलुओं का अध्ययन किये बिना ही जो भी भाजपा के लोग गैजिम्मेदाराना तौर पर झोला छाप जैसे निम्नस्तरीय शब्दों का प्रयोग कर टिप्पणी कर रहे हैं उन्हें अब सबक सीखने की नितांत आवश्यकता है।
अनिल शुक्ला ने मीडिया में जारी की गई मेडिकल एसोसिएशन द्वारा विज्ञप्ति जिसमे पिछले दिनों डॉ मेनका सिंह जी के चिकित्सा पेशे पर दुर्भावनापूर्वक गलत शब्दों का इस्तेमाल करते हुए भाजपा कार्यकर्ता ने समाचार प्रकाशित किए थे जिस पर मेडिकल एसोसिएशन ने कड़ी आपत्ति जताई गई है । अनिल शुक्ला ने कहा रायगढ़ जिला भाजपा को इस विषय पर तत्काल खेद व्यक्त करना चाहिए।
ततसंबंध में मेडिकल एसोसिएशन की विज्ञप्ति में डॉ..जे.एम.शुक्ला अध्यक्ष आईएमए सारंगढ़ व डॉ डी.डी.साहू सचिव आईएमए सारंगढ़ ने जो बात कही है वह अग्रनुसार है-
डॉ मेनका देवी सिंह इंडियन मेडिकल एसोसिएशन सारंगढ़ की सीनियर मोस्ट मेम्बर हैं। वे एसोसिएशन की मेधावी, सम्माननीय और वरिष्ठ महिला डॉक्टर है।
उन्होंने मेडिकल प्रवेश की परीक्षा योग्यता प्रविण्यता के आधार पर उत्तीर्ण की जब हमारे पास छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के संयुक्त राज्य में सीमित एमबीबीएस सीटें उपलब्ध थी. 1977 में भोपाल के प्रतिष्ठित गांधी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करने के बाद हमीदिया हस्पताल भोपाल से इंटर्नशिप पूरी की है।
उनके रिसर्च पेपर दुनिया के प्रतिष्ठित रिसर्च जर्नलों में छपते रहे हैं। आदिवासी और ग्रामीण स्वास्थ्य सुधार की कई नीति निर्माण में उनकी भूमिका रही है। खासकर सारंगढ़, रायगढ़, जशपुर और महानदी के तटीय इलाकों में कुष्ठ, फ़ायलेरियेसिस, मलेरिया, टीबी, जन्मजात विकृति जैसी समस्याओं के उन्मूलन में उनके वर्षों तक किये गए प्रयास महत्वपूर्ण रहे हैं।
एक क्वालिफाइड और सम्मानित मेडिकल प्रेक्टिशनर के विरुद्ध गरिमा से नीचे ,राजनीति से प्रेरित होकर अपशब्दों का उपयोग दुर्भाग्यपूर्ण है। मेडिकल एसोशिएशन इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए, यह सभी पक्षो से यह अपेक्षा करता है की डॉक्टरी जैसे पवित्र पेशे को राजनीति का मोहरा न बनाया जाये।
