कांग्रेस में पूरे छत्तीसगढ़ में एकमात्र विधायक प्रकाश नायक ऐसे रहे है जिसे नायक नही खलनायक बोला जाए तो अतिसंयोक्ति नही है,,पिता पुत्र दोनों की बदनाम जोड़ी के खिलाफ पूरा शहर रहा है ऐसे में प्रकाश नायक को उम्मीदवार बनाया जाना कई संदेहों को जन्म देता है,,ओ पी चौधरी को गृह मंत्री अमित शाह का खास माना जाता है और हर जगह अमित शाह इशारों में बोल जाते है कि चौधरी को जितवाना है तो कही कांग्रेसी किले में छेद तो नही हो गई और सुनियोजित षड्यंत्र के तहत प्रकाश नायक को उम्मीदवार बना दिया गया
ऐसा भी नही है कि रायगढ़ में इनका विकल्प मौजूद नही था जो ओ पी चौधरी का मुकाबला कर सके,एन एस यू आईं और युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रह चुके विभाष सिंह ठाकुर वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव है जिनकी तूती पूरे जिले में बोलती है अपने खास अंदाज में राजनीति करने वाले विभाष सिंह एक किन्नर को महापौर बना अपनी नेतृत्व क्षमता का लोहा मनवा चुके,साथ ही बड़ी बड़ी रैलियों को सफलता पूर्वक अंजाम तक पहुंचाने वाले कार्यकर्ता को नजरअंदाज क्यो किया गया समझ से परे है वही डॉ राजू अग्रवाल भी सामाजिक गतिविधियों में अग्रणी रहे है समाज मे पकड़ जोरदार है फिर इनकी अनदेखी क्यों किया गया,वही राजू अग्रवाल ने कांग्रेस को हराने के लिए बैठक भी कर लिया तब भी पार्टी ने समझाने बुझाने का कोई रास्ता नही खोज रही,इससे ये पता चलता है कि बड़े स्तर में यहां मिलीभगत करके प्रत्याशी प्रकाश नायक को बनाया गया है जिसमे लेनदेन की बू आ रही है वरना गृहमंत्री अमित शाह के खास ओ पी चौधरी के खिलाफ विकल्प रहते हुए कमजोर प्रत्याशी उतारना मजबूरी है या मिलीभगत यह रायगढ़ की जनता समझ रही हैं