Cheetah Project in MP: मध्य प्रदेश का वन्य प्राणी मुख्यालय मार्च के दूसरे सप्ताह में तीन चीतों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान के खुले जंगल में छोड़ेगा। इसकी तैयारी शुरू हो गई है। इनमें दो मादा और एक नर चीता होगा। ये उन आठ चीतों में से हैं, जिन्हें नामीबिया से लाकर 17 सितंबर, 2022 को कूनो में छोड़ा गया था। नामीबिया के चीता विशेषज्ञ पहले से ही कह रहे थे कि चीते पूरी तरह स्वस्थ हैं और जंगल में छोड़े जा सकते हैं, लेकिन जनवरी में मादा चीता सासा के बीमार होने के बाद वन अधिकारी आश्वस्त नहीं हो पा रहे थे।
दक्षिण अफ्रीका के विशेषज्ञों से दूसरा परामर्श लिया गया। उनकी सहमति के बाद तीन चीतों को खुले जंगल में छोड़ने का निर्णय लिया गया है। हालांकि, पर्यटकों को चीता देखने के लिए अभी इंतजार करना होगा। दक्षिण अफ्रीका से 18 फरवरी को लाए गए 12 चीते तो अभी क्वारंटाइन बाड़े में ही हैं। खुले जंगल में भी चीतों को पर्यटकों से दूर रखा जाएगा। जिस क्षेत्र में चीते होंगे, वहां पर्यटक नहीं जा सकेंगे। सबसे पहले नामीबिया से तीन नर एवं पांच मादा चीता लाए गए थे। इनमें से तीन चीते ऐसे हैं, जो जन्म के बाद से ही कैप्टिविटी (कैद) में रहे हैं।
उन्हें खुले जंगल में नहीं छोड़ा जा सकता। खुले जंगल के अभ्यस्त चीतों को ही छोड़ा जा सकता है। चीतों की निगरानी के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। एंटीना लगे वाहन के साथ टीम प्रत्येक चीते से सौ मीटर के दायरे में रहेगी। चीते के गले में पहनाई गई रेडियो कालर से सिग्नल मिलते रहेंगे। यदि चीता देर तक बैठता है या उसके शरीर में कुछ समय तक हलचल नहीं होती है, तो टीम नजदीक जाकर देखेगी।
यही तरीका पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की पुनर्स्थापना कार्यक्रम में निगरानी के लिए अपनाया गया था। कालर से जीपीएस ट्रैकिग की भी व्यवस्था होगी। साथ ही, कूनो पार्क की सीमा से एक किमी पहले की मार्किंग भी की गई है। जैसे ही चीता वहां पहुंचेगा, मैदानी और वन्य प्राणी मुख्यालय के अधिकारियों को आटो मैसेज मिल जाएगा। इसके बाद पार्क की सीमा पर प्रत्येक पांच किमी पर बनाई गई चौकियों के कर्मचारी वहां पहुंचकर चीतों को वापस पार्क में ले आएंगे।