बिलासपुर।CG High Court News: अनुकंपा नियुक्ति में फर्जीवाड़ा की लगातार मिल रही शिकायत और है कोर्ट की नोटिस से परेशान कलेक्टर ने एक अनूठा प्रयोग किया है। जिस किसी विभाग में स्वजनों द्वारा अनुकंपा नियुक्ति के लिए दावा करते हुए आवेदन दिया जा रहा है,उन सभी आवेदनकर्ताओ की सूची उनके पिता व विभाग के नाम सहित सार्वजनिक किया जा रहा है। सम्बंधित विभाग के कार्यालय में सूची चस्पा की जा रही है। इसके अलावा इंटरनेट मीडिया में सूची प्रसारित कर दावा आपत्ति मंगाई जा रही है। दावा आपत्ति के निराकरण के बाद अनुकंपा नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
ये आ रही थी दिक्कत
आवेदन के आधार पर नियुक्ति देने के बाद लगातार शिकायतें मिल रही थी। इसके अलावा आला अफसरों के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका भी दायर हो रही है। याचिका में कलेक्टर व विभाग प्रमुख को पक्षकार बनाने के कारण कोर्ट में जवाब दावा पेश करना पड़ रहा है। इससे अनावश्यक विलम्ब भी होता है। वर्तमान में शिक्षा विभाग के एक दर्जन से ज्यादा याचिका हाई कोर्ट में लंबित है। जिस पर सुनवाई हो रही है।
एक डीईओ के खिलाफ आपराधिक प्रकरण का मामला
शिक्षा विभाग में कार्यरत एक मृत कर्मचारी के स्वजन ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अनुकंपा नियुक्ति की गुहार लगाई थी। याचिकाकर्ता के अनुसार उनके पिता शिक्षा विभाग मे तृतीय वर्ग कर्मचारी के रूप में पदस्थ थे। सेवाकाल के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। मृत्यु के पश्चात घर में मा, छोटे भाई बहन के भरण पोषण की जिम्मेदारी उन पर आ गई है। लिहाजा उन्हें पिता की जगह अनुकंपा नियुक्ति दी जाए। मामले की सुनवाई के बाद छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट राजनांदगांव के तत्कालीन जिला शिक्षाधिकारी को याचिकाकर्ता के प्रकरण पर नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे।
निर्धारित समयावधि में प्रकरण का निराकरण ना होने पर याचिकाकर्ता ने अपने वकील के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में तत्कालीन जिला शिक्षाधिकारी के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की है। नोटिस के बाद भी मामले का निराकरण ना होने पर याचिकाकर्ता ने एक बार फिर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। नाराज कोर्ट ने लगातार न्यायालय के निर्देशों का अवहेलना करने के आरोप में तत्कालीन जिला शिक्षाधिकारी के खिलाफ आपराधिक मामले चलाने का निर्देश दिया है। फिलहाल मामला हाईकोर्ट में लंबित है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में तकरीबन एक दर्जन मामलों में सुनवाई चल रही है।
तीन की नियुक्ति कलेक्टर ने की रद
अनुकंपा नियुक्ति में फर्जीवाड़े का सबसे अधिक मामले शिक्षा विभाग में ही आ रहे हैं। बीते महीने कुछ इसी तरह के तीन प्रकरण की जांच की गई थी। शिकायत के आधार पर कलेक्टर ने जांच कमेटी का गठन किया था।कमेटी ने जांच की तब तक गलत जानकारी के आधार पर नियुक्ति प्राप्त करने का मामला सामने आया। जिसमें उन्होंने स्वजनों के सरकारी नौकरी में ना होने की जानकारी देते हुए अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त कर ली थी। जांच समिति के रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर बिलासपुर ने तीनों नियुक्तियों को निरस्त कर दिया है । शपथ पत्र में झूठी जानकारी देने के आरोप में इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया है।