बिलासपुर। औषधि प्रशासन विभाग ने जिले में संचालित होने वाले मेडिकल स्टोर और मेडिकल एंजेसी को पहले से साफ किया है कि बिकने वाली प्रतिबंधित दवाओं को हिसाब दे। लेकिन ज्यादातर मेडिकल स्टोर इसका रिकार्ड देने से बच रहे है।
जबकि यह बात सामने आई है कि ज्यादा कमाने के लालच में इसे बेचा जा रहा है। वही इन मामलों को सीएमएचओ डा. अनिल श्रीवास्तव ने गंभीरता से लिया है। ड्रग विभाग को निर्देशित किया है कि हिसाब नहीं देने वाले मेडिकल स्टोर व एंजेसी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सीएमएचओ डा. अनिल श्रीवास्तव ने साफ निर्देश दिया है कि कुछ दवाएं प्रतिबंधित होने के बाद भी मेडिकल स्टोर के माध्यम से धड़ल्ले से बिक रही है। खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित होने वाले मेडिकल स्टोर में इस तरह की दवाओं को बेचा जा रहा है। आसानी से उपलब्ध होने की वजह से लोग इसका उपयोग नशा के लिए कर रहे हैं।
ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र के तमाम मेडिकल स्टोर का अचानक निरिक्षण किया जाए और प्रतिबंधित दवा मिलने पर उसे जब्त करते हुए दवा कहा से आ रही है, उसका पता लगाया जाए। वही डाक्टर श्रीवातस्व ने यह भी कहा है कि ऐसे दवा संचालक जो बिकने वाली प्रतिबंधित दवाओं को हिसाब ने दे रहे उन पर भी कार्रवाई की जाए।
झोलाछाप भी बेचते हैं प्रतिबंधित दवाएं
यह बात भी सामने आई कि जिला में सक्रिय झोलाछाप भी इस तरह की प्रतिबंधित दवाओं को ज्यादा दाम में लोगों को बेचने का काम कर रहे है। जो बकायदा मेडिकल स्टोर का संचालन करते है और चोरी-छूपे प्रतिबंधित दवाओं को परोसने का काम करते है। इसकी वजह से युवा दवाओं के नशो के लत में पड़ते जा रहे हंै।
बाजार में कई तरह की प्रतिबंधित दवा बिक रही है, ऐसे दवाओं को जब्त करने के निर्देश ड्रग विभाग को दिया गया है। ऐसे दवा संचालक जो बेचने के बाद प्रतिबंधित दवाओं का रिकार्ड नहीं दे रहे है, ऐसे लोगों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए है।