भोपाल, राजधानी के बैरसिया थाना इलाके में सोमवार रात हुर्इ होमगार्ड सैनिक की हत्या के मामले में पुलिस ने चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। वह उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव के बंगले पर तैनात था। हत्याकांड की वजह जमीन को लेकर रंजिश सामने आर्इ है।
बैरसिया थाना प्रभारी गिरीश त्रिपाठी ने बताया कि मंगलवार सुबह ग्राम नरेला बाज्याप्त निवासी सचिन राजपूत ने थाने में शिकायत की थी। उसमें बताया था कि उसके पिता 54 वर्षीय भूपेंद्र सिंह राजपूत होमगार्ड सैनिक हैं। वह उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव के बंगले पर तैनात हैं। रोजाना वह रात साढ़े आठ बजे तक घर आ जाते हैं। सोमवार रात से वह घर नहीं पहुंचे हैं। उसने बंगले पर फोन कर जानकारी ली, तो पता चला कि उसके पिता ड्यूटी करने के बाद घर के लिए रवाना हो गए थे। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज करने के बाद सैनिक की तलाश शुरू की। मंगलवार सुबह भूपेंद्र सिंह के भतीजे लोकेंद्र सिंह ने पुलिस को सूचना दी कि उसके चाचा भूपेंद्र का शय ग्राम टिकनखेड़ी में नाले में पड़ा है। उनके सिर पर व शरीर के कुछ अन्य हिस्सों में गंभीर चोट के निशान हैं।
जांच में पता चला कि भूपेंद्र सिंह की गांव के हीरा कुशवाहा और राजू कुशवाहा से रंजिश चल रही थी। पुलिस जब हीरा कुशवाहा के घर पहुंची, तो वहां मृतक भूपेंद्र सिंह का खून से सना जूता बरामद हुआ। हीरा कुशवाहा पुराना अपराधी है। पिछले दिनों ही वह जेल से छूटकर आया था। पुलिस ने हीरा और उसके भार्इ राजू कुशवाहा को हिरासत में लेकर पूछताछ की। उन्होंने अपने साथी जगदीश और सोनू के साथ मिलकर भूपेंद्र सिंह की हत्या करना कुबूल कर लिया। उन्होंने पुलिस को बताया कि उनकी जमीन, भूपेंद्र सिंह के खेत से लगी है। जमीन की सीमा को लेकर अक्सर उनका विवाद होता रहता था। इस वजह से उन्होंने भूपेंद्र सिंह की हत्या करने की योजना बना ली थी। सोमवार रात वे लोग टिकनखेड़ी में खड़े थे। रात में भूपेंद्र सिंह को अकेला आते देखकर उसके सिर में र्इंट मार दी। चोट लगने से वह नीचे गिर पड़ा तो डंडे, पत्थर से उसकी हत्या कर दी। इसके बाद शव नाले में डाल दिया था। चारो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है।