रायगढ़। रायगढ़ जिले में वन भूमि को आबादी घोषित करने के नाम पर एक रेंजर के द्वारा 15 हजार रूपये रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है। गांव के सरपंच की शिकायत के बाद आज एंट्री करप्शन ब्यूरो की टीम ने खरसिया रेंजर टीपी वस्त्रकार को रंगे हाथ पकड़कर पूछताछ कर रही है। उक्त मामला खरसिया रेंज का है।
मिली जानकारी के मुताबिक खरसिया रेंज में पदस्थ रेंजर टीपी वस्त्रकार के द्वारा ग्राम पंचायत खड़गांव के सरपंच बजरंग सिदार से वन भूमि को आबादी घोषित करने के एवज में 15 हजार रूपये की मांग की गई थी। प्रार्थी बजरंग सिदार रेंजर टीपी वस्त्रकार को रिश्वत नहीं देना चाहता था। इसलिये उसने इस पूरे मामले की शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो बिलासपुर में कर दी थी। जिसके बाद आज सुनियोजित तरीके से यह छापामार कार्रवाई की गई है, जहां खरसिया रेंजर को मदनपुर डीपो में आज 15 हजार रूपये की रिश्वत लेते एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने पकड़ा है और उनसे पूछताछ की जा रही है। बताया जा रहा है कि ताम्रध्वज वस्त्रकार कुछ दिनों पहले धरमजयगढ वनमंड़ल से तबादला रायगढ़ वनमंड़ल के खरसिया रेंज में हुआ था।
एसीबी के अधिकारी योगेश राठौर ने बताया कि खरसिया थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम खडगांव के सरपंच बजरंग सिदार ने एसीबी में शिकायत की थी कि उनके यहां हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास आबंटन हुआ है, जहां भूमि नही होनें के कारण कलेक्टर को आवेदन लिखा गया था। जिसके बाद कलेक्टर ने वन विभाग को नक्शा बनाकर रिपोर्ट देने को कहा था। जिसके बाद रेंजर टीपी वस्त्राकार के द्वारा सत्यापन करने के नाम पर 25 हजार रूपये की मांग की गई थी। सत्यापन कराये जाने के बाद सही पाया गया। 15 हजार रूपये पर बात फायनल हुई थी, जिसके बाद आज 15 हजार रूपये रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया है। कार्रवाई पूरी होनें के बाद रेंजर को माननीय न्यायालय रायगढ़ में पेश किया जाएगा।
पहले भी आ चुका है ऐसा मामला
विदित रहे कि 17 मई 2024 को भी घरघोड़ा रेंज के डिप्टी रेंजर मिलन भगत के द्वारा कुर्मीभौना गांव निवासी झाड़फूंक करने वाले बैगा जगमोहन मांझी को जंगली मुर्गा मारने के मामले में फंसाने के नाम पर 08 हजार रूपये की रिश्वत मांगने का मामला भी सामने आ चुका है। जिसके बाद 05 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़कर कार्रवाई की जा चुकी है।