Home आपकी बात गजराजों के दल ने एक रात में 08 मकानों को तोड़ा, किसानों की फसलों को पहुंचाया नुकसान, 03 बोरी धान को भी खाया, दहशत में ग्रामीण

गजराजों के दल ने एक रात में 08 मकानों को तोड़ा, किसानों की फसलों को पहुंचाया नुकसान, 03 बोरी धान को भी खाया, दहशत में ग्रामीण

by Naresh Sharma

रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में हाथियों ने बीती रात गांव में घुसकर आधे दर्जन से अधिक मकानों को नुकसान पहुंचाते हुए कुछ बोरी धान को खाया है। साथ ही साथ दो दर्जन से भी अधिक किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाया है। इस मामले की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर नुकसान का आंकलन करते हुए आगे की कार्रवाई में जुट गई है।
मिली जानकारी के मुताबिक पिछले सप्ताह भर से अधिक समय से रायगढ़ जिले के जंगलों में 124 हाथी अलग-अलग दल में विचरण कर रहा है। जिसमें रायगढ़ वन मंडल में 77 हाथी एवं धरमजयगढ़ वन मंडल में 47 हाथी हैं। हाथियों के दल में 38 नर हाथी, 53 मादा हाथी के अलावा 33 शावक शामिल हैं। शाम होते ही हाथी गांव पहुंचकर ग्रामीणों के फसलों और मकानों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
धरमजयगढ़ वन मंडल के अंतर्गत आने वाले कापू रेंज के कुमरता बीट के अंतर्गत आने वाले उपर सलखेता गांव में कोरवा बस्ती में जमकर उत्पात मचाते हुए 7 मकानों को तोड़ा है। हाथी ने बीती रात सुकेवारी बाई कोरवा, सुखदेव कोरवा, बिशुन कोरवा, गंगाराम कोरवा, भवन साय कोरवा के अलावा एक अन्य ग्रामीण के मकान को तोड़ा है। इसके अलावा रायगढ़ वन मंडल के कोडकेल, लमदरहा में साधमती, जगेश्वर राठिया के मकान को भी क्षति पहुंचाते हुए 03 बोरी धान को खा गया है।
30 किसानों की फसल को पहुंचाया नुकसान
बीती रात हाथियों के दल ने 30 किसानों की फसलों को भी नुकसान पहुंचाया है जिसमें रायगढ़ वन मंडल के बंगुरिसया गांव में 05 किसानों की धान की फसल को नुकसान के अलावा धरमजयगढ़ वन मंडल के लमडांड, तोलगे में 10 किसानों की धान की फसल, क्रोन्धा, बायसी में 05 किसानों की धान की फसल, सागरपुर में 04 किसानों की धान की फसल, सलखेता में 03 किसानों की धान की फसल के अलावा नागदरहा, बेहरामार, हाटी में एक-एक किसानों की धान की सफल को नुकसान पहुंचाया है।
गांव-गांव में कराई जाती है मुनादी
वन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक हाथी प्रभावित क्षेत्रों में हाथी टैªकिंग दल एवं हाथी मित्र दल के द्वारा गांव-गांव पहुंचकर मुनादी कराते ग्रामीणों को हाथी से सावधानी बरतने की अपील की जाती है। साथ ही साथ प्रचार-प्रसार चलाते हुए हाथी प्रभावित जंगलों में किसी भी कार्य के सिलसिले में जंगल की तरफ नही जाने की बात कही जाती है। साथ ही साथ गांव में हाथी आने पर वन विभाग के अधिकारियों को तत्काल इसकी जानकारी देने की बात कही जाती है।

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