रायगढ़। इन दिनों शोसल मीडिया में आदिवासी समाज का एक लेटर बहुत तेजी के साथ वायरल हो रहा है। जिसमे आदिवासी समाज के लोगों ने अपने प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष आदिवासी दीपक बैज के नाम एक पत्र लिखकर वर्तमान विधायक प्रकाश नायक एवं उनके परिवार से किसी को टिकट दिए जाने पर रायगढ़, जशपुर के अलावा नवगठित सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के आदिवासियों में कांग्रेस के पक्ष में वोट नहीं डालने का निर्णय लिया है।
इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक आदिवासी समाज के द्वारा एक बैठक आहूत की गई और इस बैठक में बकायदा सर्व सम्मति से यह निर्णय लिया गया है कि इस बार क विधानसभा चुनाव में अगर कांग्रेस प्रकाश नायक या फिर उनके परिवार से किसी को टिकट देती है तो उनका पूरा समाज रायगढ़ जिला के साथ-साथ नवगठित सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के अलावा आदिवासी बाहूल्य क्षेत्र जशपुर जिले में भी कांग्रेस पार्टी के खिलाफ मुखर होकर कांग्रेस के पक्ष में वोट नहीं डालेंगे, इतना ही नहीं आदिवासी समाज के लोगों के द्वारा यह भी कहा गया अगर विपक्ष की पार्टी भाजपा के द्वारा उनके जायज समर्थन ने साथ नही दिया जाता है तो उनका पूरा समाज इस बार आम आदमी पार्टी को पूर्ण रूप से समर्थन देने की तैयारी कर चुका है।
आदिवासी समाज के लोगो ने वर्तमान कांग्रेस विधायक प्रकाश नायक के पुत्र रितिक नायक के द्वारा 15-16 अप्रैल 2021 की रात अपने साथियों के साथ मिलकर कोतरा रोड थाने में पदस्थ आदिवासी समाज के एक कांस्टेबल एल एस राठिया के साथ कि गई मारपीट का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि सत्ता के नशे में चूर विधायक के पुत्र के द्वारा इस तरह की शर्मनाक हरकत से उन्हें बहुत आघात पहुंचा है। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज समस्त मीडिया में दिखाया गया और फिर राजनीतिक दबाव बनाते हुए कांस्टेबल एल एस राठिया को इस पूरे मामले से दूर कर दिया गया। साथ ही साथ कांस्टेबल एल एस राठिया पर प्रकरण वापस लेने भरपूर दबाव बनवा गया था।
इस मसले को लेकर आदिवासी समाज के लोगो के द्वारा एक बैठक आयोजित कर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष दीपक बैज जो खुद एक आदिवासी नेता हैं उनके नाम एक पत्र लिखकर इस बार क विधानसभा चुनाव में प्रकाश नायक के परिवार से किसी भी सदस्य को टिकट नहीं दिए जाने की मांग की गई है। अन्यथा परिणाम भुगतने की चेतावनी भी जारी की गई है, बहरहाल अब देखना यह है कि विधानसभा चुनाव की तिथि पास आते ही कांग्रेस पार्टी के हाई कमान के नेता आदिवासी समाज के इस चेतावनी को किस तरह से लेते हैं।
इस बैठक के दौरान राजेश्वर मिंज, लीलाधर राठिया, जनक लाल धुर्वे, शरद सिदार, अविनाश उरांव, शिव कंवर, रवि गोंड, अवधेश राम भगत, सेवती खलखो के अलावा आदिवासी समाज के अन्य लोग उपस्थित थे।