Home छत्तीसगढ़ रायगढ़ विधानसभा सीट में नए और फ्रेस चेहरे को मिलती है जीत, सुनील, गौतम या विकास को मिले टिकट तो जीत हो सकती है सुनिश्चित…..पढ़िये पूरी खबर

रायगढ़ विधानसभा सीट में नए और फ्रेस चेहरे को मिलती है जीत, सुनील, गौतम या विकास को मिले टिकट तो जीत हो सकती है सुनिश्चित…..पढ़िये पूरी खबर

by Naresh Sharma

रायगढ़ । भाजपा के द्वारा अपनी पहली सूची में 21 उम्मीदवारो के नामों की घोषणा किये जाने के बाद राजनीति गलियारों में उथल पुथल मची हुई है। इस लिस्ट के हिसाब से टिकट की मांग करने वाले कई नेता जहां बैकफुट में आ गए हैं, वहीं भाजपा ने खरसिया और धरमजयगढ़ विधानसभा सीट से दोनों नए और फ्रेश चेहरे को मौका देकर अपनी मंशा जाहिर कर दी है कि इस बार के चुनाव में उसे नए और फ्रेस चेहरे पर ही भरोसा है।

एक जानकारी के अनुसार पहले यह कयास लगाये जा रहे थे कि कांगे्रस के कब्जे वाली खरसिया विधानसभा सीट से एक बार फिर से ओपी चौधरी पर भाजपा दाव खेलेगी, लेकिन पार्टी हाईकमान द्वारा वहां से महेश साहू को प्रत्याशी बनाकर सभी को चौका दिया है और अब यह कयास लगाये जा रहे हैं कि अब ओपी चौधरी को चुनाव मैदान से दूर रखकर पार्टी के प्रचार-प्रसार में बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी। साथ ही साथ कुछ लोगों का यह भी आंकलन है कि इस बार ओपी चौधरी को रायगढ़ विधानसभा से चुनाव लड़ाने की तैयारी की जा रही, इसलिए उन्हें खरसिया विधानसभा से इस बार टिकट नही दिया गया है। इसके अलावा ओपी चैधरी की चंद्रपुर विधानसभा से चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही है।

राजनीति से जुड़े लोगों की माने तो भाजपा अगर ओपी चौधरी को रायगढ़ विधानसभा से चुनाव लड़ाने का सपना देख रही है तो इस बार फिर से भाजपा इस सीट को आसानी से खो देगी इससे कतई इनकार नहीं किया जा सकता। भले ही ओपी चौधरी लंबे समय से यहां भी सक्रिय होकर कार्य करते आ रहे हैं परंतु रायगढ़ विधानसभा सीट की बात ही कुछ अलग है। यहां के समीकरण कुछ अलग हैं यहां कब कोई बागी होकर चुनाव लड़ जाए या फिर ओपी को बाहरी प्रत्याशी समझकर कब भितरघात हो जाये किसी को समझ ही नही आएगा और फिर एक बार फिर से कांग्रेस की तरफ से कोई भी प्रत्याशी चुनाव मैदान में क्यो न हो उसकी एकतरफा जीत सुनिश्चित हो जाएगी।

इस परिस्थिति को देखते हुए भाजपा हाईकमान को रायगढ़ विधानसभा सीट से 3 नए और फ्रेस चेहरे सुनील रामदास, गौतम अग्रवाल या फिर विकास केडिया को ही मौका देना चाहिए। क्योंकि इस सीट को जीतने के भाजपा को एकजुटता की जरूरत है और इन तीन मानो में से किसी एक को भी टिकट मिले पूरी पार्टी एकजुटता से चुनाव लड़कर ऐतिहासिक मतों से चुनाव जीतेगी।

बहरहाल खरसिया व धरमजयगढ़ सीट से विधानसभा चुनाव की तिथि घोषित होने से पहले प्रत्याशियों के नाम घोषित होना इस बात के संकेत है कि भाजपा इस बार कोई भी रिस्क नही लेना चाहती और वे कांगे्रस को घेरने के लिये नई रणनीति के तहत इस बार नए और फ्रेस चेहरे को टिकट देकर चुनाव में जीत दर्ज करने के लिये लग गई है।

related posts