Suicide in Education Institute: आईआईटी, एनआईटी और आईआईएम जैसे बड़े शिक्षण संस्थानों में खुदकुशी के मामले कुछ सालों में तेजी से बढ़े हैं। इसे लेकर लोकसभा में कांग्रेस सांसद बैन्नी बेहनन और राजमोहन उन्नीथन ने आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम और एम्स जैसे शिक्षण संस्थानों में छात्रों की आत्महत्या के बढ़ते मामलों पर सवाल पूछा था। इसके जवाब में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने 2018 से 2023 के बीच सुसाइड के आंकड़ा पेश किया था। इन बड़े संस्थानों में पिछले 5 सालों के दौरान 103 छात्रों ने आत्महत्या की है। आईआईटी में 35 छात्रों ने सुसाइड किया। वहीं, आईआईएम में 4, एनआईटी में 24, एम्स में 11 और सीयू में 29 छात्रों ने आत्महत्या की। साल 2020 में एम्स, भुवनेश्वर में सुसाइड का मामला सामने आया था। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो रिपोर्ट 2021 के अनुसार, 2017-21 के बीच आत्महत्या करने वालों की संख्या 13089 है। जिसमें 7396 लड़के और 5693 लड़कियां हैं।
उत्तर प्रदेश में सुसाइड के सबसे अधिक मामले
सरकार द्वारा पेश किए आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले पांच सालों में उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक छात्रों ने आत्महत्या की है। यूपी में 2018 में 5, 2019 में 3, 2020 में 1, 2021 में 1, 2022 में 3 और 2023 में अबतक 5 स्टूडेंट्स ने सुसाइड किया है। वहीं, मध्यप्रदेश में 2019 में 1 और 2022 में 2 आत्महत्या के मामले सामने आए थे। वहीं, बात करें छत्तीसगढ़ की तो यहां 2018 में 1, 2019 में 2, 2021 में 1, 2022 में 1 और 2023 में 1 मामला सामने आ चुका है।
आत्महत्या की प्रवृतियां क्यों बढ़ रही हैं।
केस 1 (पेपर में बैक)
यह 6 दिसंबर 2023 का है। धनबाद के IIT (ISM) छात्र प्रवीण कुमार ने आत्महत्या कर ली। प्रवीण इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन विभाग का स्टूडेंट था। घटना वाले दिन प्रवीण कुमार के दोस्तों ने उसे मूवी देखने चलने को कहा था, लेकिन उसने जाने से मना कर दिया। जब उसके दोस्त वापस लौटे तो प्रवीण को लटका हुआ देखा। जांच में पता चला कि प्रवीण कुमार का एक पेपर में बैक लग गया था।
केस 2 (भेदभाव से परेशान होकर की आत्महत्या)
12 फरवरी 2023 को IIT- बॉम्बे के छात्र दर्शन सोलंकी ने हॉस्टल से कूदकर सुसाइड कर लिया। मृतक की बहन ने दावा किया कि दलित समुदाय से होने के कारण दर्शन को अन्य छात्र बुली किया करते थे।
केस 3 (पढ़ाई का दबाव)
14 मार्च 2023 को IIT-मद्रास के छात्र वैपुक पुष्पक श्रीसाई ने खुदकुशी कर ली। थर्ड ईयर का छात्र साई, आंध्रप्रदेश का रहने वाला था। शुरुआती जांच के बाद अधिकारियों ने कहा कि छात्र पिछले एक सप्ताह से क्लास अटैंड नहीं कर रहा था। वह अपने रूममेट्स से भी बात नहीं कर रहा था। पुलिस अधिकारियों ने अपनी जांच में पाया कि वैपुक पढ़ाई का दबाव झेल नहीं पा रहा था। वह परीक्षा में अच्छा नहीं कर पा रहा था। इस कारण परेशान था।
आत्महत्या रोकने के लिए क्या उपाय IIT ने निकाले
– आईआईटी दिल्ली ने पाठ्यक्रम में बदलाव कर दिया है।
– आईआईटी बॉम्बे ने काउंसलिंग और मेंटोरशिप कार्यक्रम शुरू किया है। इस प्रोग्राम के तहत अगर किसी छात्र के कम मार्क्स या बैक लग जाता है, तो उसकी काउंसलिंग की जाती है। साथ ही मेंटल हेल्थ सेंटर खोला गया है।
– आईआईटी गुवाहाटी में कम अंक और बैक वाले स्टूडेंट्स की जानकारी डीन और वेलफेयर बोर्ड को भेजी जाती है। ताकि छात्रों से सीधे बात कर उनकी मेंटल हेल्थ पर काम कर सकें।