बिलासपुर। ग्रामीणों ने कहा कि लोखण्डी में प्रस्तावित कोलवाशरी को दूसरे जगह खोला जाए। यहां कोलवाशरी की आवश्यकता नहीं है। कुछ अफसर ठेकेदारों के साथ मिलकर कोलवाशरी खोलने का प्रयास कर रहे हैं।
मिलियन टन वर्ष के लिये जनसुनवाई हाई स्कूल मैदान परिसर लोखण्डी में बुधवार को आयोजित की गई थी। जहां ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया था। पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ा। विरोध का आलम इतना रहा कि दो-चार लोगो को छोड़कर बाकी सभी लोग प्रस्तावित कोल वाशरी के विरोध में अपनी भड़ास निकालते दिखे। कुछ लोग रोजगार का हवाला देकर कोलवाशरी का पक्ष लेते रहे लेकिन अधिकांश लोगों ने मंच से इसका विरोध किया। जबर्दस्ती कोलवाशरी खोलने पर कोर्ट जाने की बात भी ग्रामीणों ने कही है।
पीठासीन अधिकारी एडीएम राम अघारी कुरुवंशी, क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी देवव्रत मिश्रा, तखतपुर एसडीएम सूरज साहू की उपस्थिति में जनसुनवाई हुई थी। पूर्व जनपद सदस्य राकेश तिवारी एवं सेवनिर्वित्ति बैंक प्रबंधक कमल तिवारी ने कहा कि जहां कोलवाशरी है वहां के लोग परेशान है। प्रभावित क्षेत्र में कृषि की स्थिति इतनी बेहाल हो चुकी है कि यहां धान तो धान अंदर का चावल भी कोल डस्ट के चलते काला पड़ चुका है।
बिलासपुर नगर निगम के पार्षदगण सुरेश टण्डन एवं श्याम भाई पटेल ने कहा कि कोल डस्ट से पूरा क्षेत्र परेशान है। कुछ लोग इससे रोजी रोजगार मिलने की बात कहकर लोगों को बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं जबकि सच्चाई सभी जानते हैं कि न किसी को रोजगार मिलता है और न ही प्रभावित क्षेत्र में सीएसआर मद का ही सही उपयोग किया जाता है।
इसका हम विरोध करते है। गांव के 119 कृषक जो कि 139 हेक्टेयर रकबे में कृषि करते है। इस कोलवाशरी से उक्त कृषकों को नुकसान होगा और क्षेत्र का जलस्तर भी घटेगा। पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष सूरज मिश्रा,पूर्व यूथ कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष राजेंश देवांगन एवं जनपद सदस्य सूरज पटेल ने जनसुनवाई का विरोध करते हुवे कहा कि जनसुनवाई कराने आये अधिकारी हमारे साथ कुछ दूर पैदल चलकर देख ले अगर उनके कप में काला डस्ट न चिपके तो वे जहाँ कहेंगे वहाँ हम कोलवाशरी की सहमति दे देंगे जब पहले से ही यहाँ लोग नारकीय जीवन जी रहे है तो यहाँ के लोगो को नया कोलवाशरी खोलकर क्यों परेशान करने की कोशिश की जा रही है।