भोपाल, एमपी नगर थाना पुलिस ने एक फैक्ट्री के प्रबंधक की शिकायत पर मुंबई की एक फर्म के खिलाफ 57 लाख 61 हजार 422 रुपये की अमानत में खयानत, धोखाधड़ी करने का केस दर्ज कर लिया है। इसके पहले मामला सुलह के लिए मध्यस्थता न्यायाधिकरण में गया था। वहां फर्म के कर्ताधर्ताओं ने समझौता कर चेक थमा दिया था। भुगतान के लिए चेक बैंक पहुंचा तो पता चला कि चेक पहले से बंद खाते का है।
एमपी नगर थाना पुलिस के मुताबिक न्यू सुभाष नगर निवासी 49 वर्षीय संजय शर्मा अरेरा हिल्स पर स्थित परमाली कंपनी में प्रबंधक हैं। उन्होंने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। उसमें बताया था कि उनकी कंपनी ने ठाणे, मुंबई स्थित आदित्य विद्युत एंप्लायंस एंड संस लिमिटेड कंपनी को वर्ष 2017 में ट्रांसफार्मर के इंश्यूलेटेड मटेरियल की आपूर्ति की थी। इसकी कीमत 57 लाख 61 हजार 422 रुपये थी। माल भेजने के बाद आदित्य विद्युत एंप्लायंस एंड संस लिमिटेड कंपनी ने भुगतान नहीं किया। काफी प्रयास के बाद भी जब राशि नहीं मिली हुआ तो उन्होंने वर्ष 2018 में मध्यस्थता न्यायाधिकरण में केस लगाया था।
मामले की सुनवाई के दौरान वर्ष 2019 में परमाली कंपनी से समझौता करते हुए आदित्य विद्युत एम्पलायंस एंड संस लिमिटेड कंपनी के मालिक प्रकाश पुंडलिक सेन्वी प्रभु और आदिल्य एन सेन्वी प्रभु ने उन्हें मुंबई के एक सहकारी बैंक का चेक दिया था। उन्होंने एमपी नगर जोन-एक स्थित बैंक आफ इंडिया में चेक भुगतान के लिए लगाया। बैंक से पता चला कि प्रकाश पुंडलिक सेन्वी प्रभु और आदिल्य एन सेन्वी प्रभु ने उन्हें जो चेक दिया था, वह बंद खाते का था। इसके बाद उन्होंने मुंबई की फर्म के कर्ताधर्ताओं से संपर्क भी किया, लेकिन उन्होंने रुपये नहीं दिए। शिकायत की जांच के बाद केस दर्ज कर लिया गया।