अंतरिक्ष में लाखों ऐसे क्षुद्रग्रह हैं जो कई बार पृथ्वी की ओर आने लगते हैं. हालांकि इनसे अभी तक पृथ्वी को कोई नुकसान नहीं हुआ है. क्योंकि ज्यादातर क्षुद्रग्रह पृथ्वी के वायु मंडल में प्रवेश करते ही जलकर नष्ट हो जाते हैं.
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ऐसे एस्टेरॉयड को संभावित रूप से खतरनाक बताती है जो पृथ्वी से 8 मिलियन यानी 80 लाख किलोमीटर से कम होती है. नासा ने हाल ही में बताया कि गत कुछ दिनों के भीतर 6 क्षुद्रग्रह पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरे हैं, हालांकि इनमें से कोई भी संभावित रूप से खतरनाक नहीं थे. हालांकि, पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र के संपर्क में आने के कारण इन एस्टेरॉयड्स की दिशा जरूर बदल सकती थी, और ये पृथ्वी की ओर लुढ़क सकते थे.
इसी बीच नासा ने खुलासा किया है कि एक और क्षुद्रग्रह पृथ्वी की ओर तेजी से बढ़ रहा है. नासा ने इस एस्टेरॉयड को Asteroid 2023 CY1 नाम दिया है. जिसे लेकर अब नासा ने अलर्ट जारी किया है. इस खतरनाक एस्टेरॉयड के आज यानी 18 फरवरी को पृथ्वी के बेहद नजदीक से गुजर सकता है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक, पृथ्वी से इस एस्टेरॉयड की निकटम दूरी सिर्फ 1.7 मिलियन किलोमीटर (लगभग 10,56331.03 मील) होगी.
बता दें कि ये एस्टेरॉयड पहले से ही पृथ्वी की ओर आ रहा है, जिसकी गति 23,967 किलोमीटर प्रति घंटा है. नासा के मुताबिक, Asteroid 2023 CY1 क्षुद्रग्रहों के अपोलो समूह से संबंधित है, जो 1862 के अपोलो एस्टेरॉयड के नाम पर नामित पृथ्वी के निकटम क्षुद्रग्रहों का एक समूह है, जिसे 1930 के दशक में जर्मन खगोलविद कार्ल रेनमुथ द्वारा खोजा गया था.
बता दें कि स्टेरॉयड लोहे और निकल जैसे धातुओं से बने होते हैं. ज्यादातर एस्टेरॉयड बृहस्पति और मंगल ग्रह की कक्षा के बीच स्थित एस्टेरॉयड बेल्ट में पाए जाते हैं. एस्टेरॉयड के बारे में अध्ययन करके वैज्ञानिक ग्रहों और सौरमंडल के बनने के समय मौजूद स्थितियों के बारे में जानकारी इकट्ठा करते हैं. बता दें कि नासा सौरमंडल में मौजूद एस्टेरॉयड पर अपने विभिन्न टेलीस्कोपों की मदद से नजर रखता है और संभावित खतरे को देखते हुए समय-समय पर अलर्ट जारी करता है.
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक, इस एस्टेरॉयड का आकार करीब 50 फीट चौड़ा और 111 फीट लंबा है. एक एस्टेरॉयड के ऑर्बिट की गणना उसके सूर्य के अण्डाकार पथ को देखकर की जाती है, जो नासा के NEOWISE टेलीस्कोप और इसके नए सेंट्री II एल्गोरिथ्म जैसे विभिन्न टेलीस्कोपों के लिए सबसे उपयुक्त बैठता है.