Home रायगढ़ मंदिर की जमीन हथियाने पुजारी परिवार को मिल रही धमकी, दहशत में पूरा परिवार, पीड़िता ने की मामले की शिकायत, पढ़ें पूरी खबर

मंदिर की जमीन हथियाने पुजारी परिवार को मिल रही धमकी, दहशत में पूरा परिवार, पीड़िता ने की मामले की शिकायत, पढ़ें पूरी खबर

by Naresh Sharma

रायगढ़। यूं तो रायगढ़ जिले में भू-माफियाओं के कई कारनामें एक के बाद सामने आते रहे हैं। भू-माफिया के द्वारा कहीं शमशान की जमीन पर चोरी छिपे कब्जा कर लिया जाता है तो कहीं गरीब किसानों को बरगलाकर उनकी बेशकीमती जमीन कौड़ी के दाम पर ले ली जाती है। ऐसा ही एक मामला शहर के बेलादुला के विनोबा नगर में सामने आया है। जहां महादेव मंदिर की ट्रस्ट जमीन को एक भू-माफिया के द्वारा जबरन हड़पने की साजिश की जा रही है। इस मामले में पीडिता ने थाना प्रभारी के साथ-साथ राजस्व मंत्री से गुहार लगाते हुए न्याय दिलाने की मांग की है। मजेदार मामला यह है कि कभी यह जमीन महादेव मंदिर के नाम से थी और जमीन के असली मालिक ने अपने मृत्यु पूर्व उस जमीन को कलेक्टर के नाम सौंप दी थी लेकिन अचानक कथित जमीन के मालिक ने स्थानीय नायब तहसीलदार से मिलकर कागजातों में हेराफेरी करते हुए उस जमीन को अपने परिवार के नाम से दर्ज करवा लिया।


जिसके बाद से यहां रहने वाले पुजारी के परिवार भयभीत होकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। पुजारी के निधन के बाद उनकी बेवा अपनी तीन जवान बेटियों के साथ रोजाना इस भू-माफिया के आतंक से न केवल परेशान है बल्कि उसका जीना भी दुभर कर दिया गया है। इसी मामले में न्याय दिलाने को लेकर प्रदेश के सचिव सहित बिलासपुर संभाग आयुक्त, कलेक्टर, एसडीएम व संबंधित थाने को एक शिकायत पत्र के जरिये कार्रवाई की मांग की गई है।


अपने शिकायत पत्र में पीड़िता चमेली बाई बेवा ने कहा है कि बेलादुला में खसरा नं.269.2 रकबा 1.370 है खसरा नं. 274.5 रकबा 0.194 हे. खसरा नं. 275.3 रकबा 0.121 हे. खसरा नं.278.1 रकबा 0.251 हे. की भूमि 05 अपै्रल 1954 को रामकुंवर बेवा दानीराम के द्वारा क्रय कर उक्त भूमि को बेलादुला तालाब पार में भगवान महादेव मंदिर का निर्माण कर उक्त भूमि को वर्ष 1961-62 में अपनी मृत्यु के पूर्व मंदिर में दान दे दी थी। चूंकि रामकुंवर बेवा दानीराम का कोई औलाद नही था। रामकुंवर बाई जब तक जिंदा रही तब तक उक्त भूमि महादेव मंदिर बेलादुला में स्थित महादेव मंदिर के स्वामित्व में रही और प्रबंधक रामकुंवर बाई को दर्ज करते हुए कलेक्टर रायगढ़ के निगरानी में चलती रही। रामकुंवर की मृत्य पश्चात उक्त भूमि राजस्व रिकार्ड में महादेव मंदिर बेलादुला कलेक्टर प्रबंधन में चलते आ रही है।


पीडिता चमेली बाई बेवा ने कहा है कि उक्त भूमि को नेतराम देवांगन खुद को उक्त भूमि का मालिक बताकर नायब तहसीलदार से मिलकर भूमि का मालिक दर्ज करा लिया गया है और महादेव मंदिर को कलेक्टर रायगढ़ का नाम हटवा दिया गया है। परंतु राजस्व रिकार्ड में इसका कोई उल्लेख ही नही है। नेतराम देवांगन की मृत्य के बाद 2021 तक उक्त भूमि महादेव मंदिर बेलादुला रायगढ़ प्रबधक कलेक्टर रायगढ़ और मंदिर के पुजारी हरिशंकर गोस्वामी करते रहे और हरिशंकर गोस्वामी का आवासीय मकान भी उसी मंदिर की जमीन पर निर्माण है। जमीन से उत्पन्न फसल की कमाई से मंदिर की देखरेख एवं पूजा अर्चना होते आ रही है।


इसके बाद से अब एक बार फिर से नेतराम देवांगन के रिश्तेदारों द्वारा इस जमीन को अपना बताकर बेवा चमेली बाई व उनकी तीन बेटियों को अपने-अपने तरीके से न केवल परेशान कर रहे है। बल्कि उनके घर पर भी कब्जा करके उन्हें बेघर करना चाहते हैं इतना ही नही कई बार तो नेतराम देवांगन के रिश्तेदारों द्वारा उस जमीन को हथियाने के लिये जेसीबी की मदद से हटाने का भी प्रयास किया गया और उसके साथ कुछ बिल्डर्स व अन्य लोग थे। किसी तरह बेवा चमेली बाई व उनकी तीन बेटियांे ने अपने साथ हो रहे इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई तब जेसीबी लेकर आने वाले वापस लौट गए इसके बाद भी इस परिवार को इस बात का भय सता रहा है कि कहीं अचानक धन बल के बल पर उनकी बेटियों के साथ गलत न हो जाए और उनका आशियाना न छिन जाए इसको लेकर वह गुहार लगा रही है। बेवा चमेली बाई पूरी तरह असहाय होकर यह बताती है कि उसकी तीनों बेटियां एक निजी फर्म मंे काम करके घर चलाती हैं और पिता के निधन के बाद उनके घर की स्थिति लगातार बिगड रही है और उनका बरसो पुराना आशियाना छिनने की जो कोशिश की जा रही है उसके लिये छत्तीसगढ़ सरकार को चाहिये कि उनकी मदद करें चूंकि बेवा होनें के बाद अपनी तीन जवान बेटियांे की जिंदगी का सवाल है। बहरहाल पत्र की कापियां संबंधित लोगों को भेजने के बाद उन्हें उम्मीद है कि सरकार से उन्हें न्याय मिलेगा।


शिकायत पर शुरू हो गई जांच-सिन्हा
पीड़ित परिवार ने अपने साथ हो रहे अन्याय को लेकर एक लिखित शिकायत जिले के कलेक्टर तारण सिन्हां के पास की है जिस पर कलेक्टर ने तत्काल पूरे मामले की जांच के बाद निराकरण करने के आदेश तहसीलदार रायगढ़ को किये हैं।

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